2 मुखी रुद्राक्ष – वैदिक विधि द्वारा अभिमंत्रित
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2 मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव और माता पार्वती के दिव्य मिलन—अर्द्धनारीश्वर स्वरूप—का प्रतीक माना जाता है। यह रुद्राक्ष जीवन में संतुलन, सामंजस्य और एकता स्थापित करता है। इसे धारण करने से साधक के भीतर प्रेम, करुणा, भावनात्मक स्थिरता और रचनात्मकता का विकास होता है।
यह रुद्राक्ष विशेष रूप से कर्क (Cancer) और तुला (Libra) राशि वालों के लिए अत्यंत शुभ और उपयोगी माना गया है।
“2 मुखी रुद्राक्ष की महत्ता, धारण विधि और पूजा प्रक्रिया को विस्तार से समझने के लिए गुरुजी द्वारा प्रस्तुत विस्तृत वीडियो अवश्य देखें।”
2 मुखी रुद्राक्ष का धार्मिक और वैदिक महत्व
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, 2 मुखी रुद्राक्ष को भगवान शिव और माता पार्वती के अर्द्धनारीश्वर स्वरूप का प्रतीक माना गया है। इसमें शिव और शक्ति दोनों की संयुक्त ऊर्जा का वास होता है, इसलिए यह साधक के जीवन में संतुलन, सामंजस्य और दिव्यता स्थापित करता है। यह न केवल मानसिक शांति और आंतरिक स्थिरता प्रदान करता है, बल्कि पारिवारिक जीवन, दांपत्य संबंध और सामाजिक जीवन को भी सुदृढ़ बनाता है।
शिवपुराण में इसे अत्यंत पुण्यदायी और सभी कामनाओं को पूर्ण करने वाला बताया गया है। इसमें कहा गया है:
“द्विमुखं तु महापुण्यं सर्वकामफलप्रदम्।
धारयेद्यः सदा भक्त्या सर्वपापैः प्रमुच्यते॥”
(भावार्थ: 2 मुखी रुद्राक्ष अत्यंत पवित्र और पुण्यदायी है। यह सभी प्रकार की कामनाओं को पूर्ण करता है और जो व्यक्ति इसे भक्ति भाव से धारण करता है, वह अपने पापों से मुक्त होकर सुख, शांति और समृद्धि से युक्त जीवन का आनंद लेता है।)
देवीभागवत पुराण भी में वर्णन है कि 2 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मनुष्य को जीवन के चारों पुरुषार्थ—धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष—की प्राप्ति होती है। अर्थात् यह रुद्राक्ष साधक को धार्मिक आचरण, आर्थिक समृद्धि, संबंधों में संतोष और अंततः मोक्ष की राह पर ले जाने में सहायक है।
2 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के मुख्य लाभ
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भावनात्मक संतुलन और संबंधों में सुधार:
अगर आपके वैवाहिक जीवन या पारिवारिक संबंधों में मतभेद चल रहे हों, तो 2 मुखी रुद्राक्ष एक सेतु का काम करता है। यह आपसी समझ और संवाद को बढ़ाता है, जिससे जीवनसाथी, माता-पिता या परिवार के साथ रिश्तों में सामंजस्य और शांति आती है। -
मानसिक शांति और स्थिरता:
जब मन लगातार चिंता, तनाव या अनिद्रा से परेशान होता है तो यह रुद्राक्ष मन को स्थिर करता है। 2 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को भीतर से गहरी शांति और सुकून का अनुभव होता है, जिससे सोच स्पष्ट होती है और जीवन की चुनौतियों का सामना सहजता से किया जा सकता है। -
आध्यात्मिक उन्नति और साधना में सहायक:
2 मुखी रुद्राक्ष शिव और शक्ति के दिव्य मिलन का प्रतीक है। यह साधक के मन को भटकाव से दूर करता है और साधना व ध्यान में एकाग्रता लाता है। इसके प्रभाव से साधक की आध्यात्मिक चेतना जाग्रत होती है और भक्ति का अनुभव गहराता है। -
रचनात्मकता और आत्मविश्वास में वृद्धि:
जो लोग खुद को असमंजस या हीनभावना से घिरा महसूस करते हैं, उनके लिए यह रुद्राक्ष प्रेरणास्रोत है। 2 मुखी रुद्राक्ष आत्मविश्वास बढ़ाता है और नई सोच व रचनात्मक ऊर्जा को प्रोत्साहित करता है, जिससे कार्यक्षमता और निर्णय क्षमता दोनों में निखार आता है। -
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में लाभकारी:
2 मुखी रुद्राक्ष हृदय और तंत्रिका तंत्र को संतुलित करता है। यह तनाव और उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियों को नियंत्रित करने में सहायक है और मानसिक दबाव को कम कर शरीर को स्वस्थ बनाए रखता है। -
संतान सुख और पारिवारिक समृद्धि
शास्त्रों में वर्णन है कि 2 मुखी रुद्राक्ष संतान प्राप्ति और परिवार में सुख-समृद्धि का साधन है। यह घर में सकारात्मकता और सौभाग्य का वातावरण बनाता है और परिवारिक जीवन को स्थिर और सुखमय करता है।
2 मुखी रुद्राक्ष की धारण विधि
- सोमवार या किसी शुभ मुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- रुद्राक्ष को गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करें।
- “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ अर्धनारीश्वराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- शिव-पार्वती का ध्यान कर रुद्राक्ष को हृदय के समीप धारण करें।
- प्रतिदिन कुछ समय साधना और भक्ति में देने से लाभ शीघ्र प्राप्त होते हैं।
उत्पाद विवरण
- सामग्री: प्रामाणिक 2 मुखी रुद्राक्ष (नेपाली)
- आकार: प्राकृतिक
- साथ में: डोरी और प्रमाणपत्र
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2 मुखी रुद्राक्ष – वैदिक विधि द्वारा अभिमंत्रित
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