3 मुखी रुद्राक्ष – वैदिक विधि द्वारा अभिमंत्रित
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3 मुखी रुद्राक्ष अग्निदेव का प्रतीक माना जाता है। यह रुद्राक्ष साधक के भीतर की नकारात्मकताओं, पापों और दोषों को जलाकर आत्मा को शुद्ध करता है। शास्त्रों के अनुसार, इसे धारण करने से व्यक्ति अपने पिछले जीवन और वर्तमान जीवन के कर्म बंधनों से मुक्ति पाता है।
यह रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति को आत्मबल, ऊर्जा और साहस की प्राप्ति होती है। विशेष रूप से यह मेष (Aries), सिंह (Leo) और वृश्चिक (Scorpio) राशि वालों के लिए अत्यंत शुभ और कल्याणकारी माना गया है।
“3 मुखी रुद्राक्ष की महत्ता, धारण विधि और पूजा प्रक्रिया को विस्तार से समझने के लिए गुरुजी द्वारा प्रस्तुत विस्तृत वीडियो अवश्य देखें।”
3 मुखी रुद्राक्ष का धार्मिक और वैदिक महत्व
हिंदू धर्मग्रंथों में 3 मुखी रुद्राक्ष को अग्निदेव का प्रतीक बताया गया है। जैसे अग्नि सभी अशुद्धियों और पापों को जलाकर भस्म कर देती है, वैसे ही 3 मुखी रुद्राक्ष साधक के जीवन में संचित पापों और नकारात्मक कर्मों को नष्ट कर आत्मा को शुद्ध करता है। यही कारण है कि इसे “पापनाशक रुद्राक्ष” भी कहा जाता है।
शिवपुराण में कहा गया है:
“त्रिमुखं च महाशक्त्यं सर्वपापप्रणाशनम्।
धारयेद्यः सदा भक्त्या सर्वसिद्धिं स गच्छति॥”
(भावार्थ: 3 मुखी रुद्राक्ष महान शक्ति से युक्त है और यह सभी पापों का नाश करने वाला है। जो व्यक्ति इसे श्रद्धा और भक्ति के साथ धारण करता है, उसे आत्मबल, साहस और जीवन की सभी सिद्धियाँ प्राप्त होती हैं।)
देवीभागवत पुराण में वर्णन है कि जो व्यक्ति 3 मुखी रुद्राक्ष धारण करता है, उसे अग्निदेव की कृपा प्राप्त होती है। अग्नि की ऊर्जा उसके जीवन से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों, भय और मानसिक अशांति को समाप्त कर देती है। यह रुद्राक्ष साधक को धर्ममार्ग पर स्थिर करता है और उसके भीतर साहस तथा आत्मबल का विकास करता है।
3 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के मुख्य लाभ
· पाप और दोषों से मुक्ति
3 मुखी रुद्राक्ष को पापनाशक कहा गया है। यह साधक के पिछले और वर्तमान जीवन के पापों के प्रभाव को भस्म कर आत्मा को शुद्ध करता है। यदि कोई व्यक्ति अपने पुराने कर्मों के कारण मानसिक बोझ और पछतावे से ग्रस्त है, तो यह रुद्राक्ष उसे उस बोझ से मुक्त करता है और जीवन में एक नई, सकारात्मक शुरुआत करने का साहस देता है।
· आत्मबल और ऊर्जा में वृद्धि:
अग्नि स्वरूप होने के कारण 3 मुखी रुद्राक्ष आलस्य, थकान और निराशा को दूर करता है। इसे धारण करने वाले को भीतर से शक्ति और आत्मविश्वास मिलता है। यह मानसिक और शारीरिक ऊर्जा दोनों को संतुलित करता है, जिससे साधक अपने कार्यों में नई ऊर्जा और उत्साह अनुभव करता है।
· मानसिक तनाव और अवसाद से राहत:
यह रुद्राक्ष उन लोगों के लिए विशेष रूप से सहायक है जो लगातार चिंता, अवसाद या तनाव से गुजरते हैं। इसके प्रभाव से मन हल्का होता है और भीतर से शांति व स्थिरता आती है। व्यक्ति अपने विचारों को बेहतर तरीके से नियंत्रित कर पाता है और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाता है।
· साहस और निर्णय क्षमता में वृद्धि:
जीवन में बड़े निर्णय लेते समय यदि भय या असमंजस बना रहता है, तो 3 मुखी रुद्राक्ष साधक को निडर बनाता है। यह साहस और आत्मविश्वास को मजबूत करता है, जिससे व्यक्ति अपने निर्णयों में स्पष्टता और दृढ़ता प्राप्त करता है।
· स्वास्थ्य लाभ:
3 मुखी रुद्राक्ष पाचन शक्ति को बढ़ाता है और शरीर से विषाक्त तत्वों को बाहर निकालने में सहायक होता है। इसके नियमित धारण से हृदय और पेट संबंधी समस्याओं में भी लाभ मिलता है। साथ ही यह शरीर की ऊर्जा प्रणाली को संतुलित कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।
· सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक शुद्धि:
यह रुद्राक्ष नकारात्मक विचारों और ऊर्जा को भस्म कर साधक को आध्यात्मिक रूप से शुद्ध करता है। इसके प्रभाव से साधक के भीतर सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित होती है और धीरे-धीरे दिव्यता का अनुभव होता है। यह साधना और ध्यान में भी गहराई लाता है।
3 मुखी रुद्राक्ष की धारण विधि
- रविवार या किसी शुभ दिन स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- रुद्राक्ष को गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करें।
- “ॐ क्लीं नमः” या “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- अग्निदेव का ध्यान करें और रुद्राक्ष को हृदय के पास धारण करें।
- प्रतिदिन कम से कम कुछ समय ध्यान और भक्ति में दें।
उत्पाद विवरण
- सामग्री: प्रामाणिक 3 मुखी रुद्राक्ष (नेपाल)
- आकार: प्राकृतिक
- साथ में: डोरी और प्रमाणपत्र
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3 मुखी रुद्राक्ष – वैदिक विधि द्वारा अभिमंत्रित
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