5 मुखी रुद्राक्ष – वैदिक विधि द्वारा अभिमंत्रित
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5 मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के कलाग्नि रुद्र स्वरूप का प्रतीक है और इसे सर्वाधिक धारण किए जाने वाले रुद्राक्षों में गिना जाता है। यह साधक को पापों से मुक्ति, मानसिक शांति, स्वास्थ्य और दीर्घायु प्रदान करता है।
शास्त्रों के अनुसार, 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के जीवन में धार्मिकता, ईमानदारी और आध्यात्मिक जागरूकता का विकास होता है। ज्योतिषीय दृष्टि से यह रुद्राक्ष विशेष रूप से पितृ दोष निवारण और बृहस्पति दोष शांति के लिए अत्यंत प्रभावकारी माना गया है।
नर्मदेश्वर स्टोर में उपलब्ध प्रत्येक 5 मुखी रुद्राक्ष को आपके नाम और जन्मतिथि के अनुसार, वैदिक ब्राह्मणों द्वारा विशेष मंत्रों से अभिमंत्रित किया जाता है। यह प्रक्रिया साधक के लिए रुद्राक्ष की ऊर्जा को कई गुना प्रबल बना देती है
यह रुद्राक्ष विशेष रूप से धनु (Sagittarius) और मीन (Pisces) राशि वालों के लिए अत्यंत शुभ और लाभकारी माना गया है।
“5 मुखी रुद्राक्ष की महत्ता, धारण विधि और पूजा प्रक्रिया को विस्तार से समझने के लिए गुरुजी द्वारा प्रस्तुत विस्तृत वीडियो अवश्य देखें।”
5 मुखी रुद्राक्ष का धार्मिक और वैदिक महत्व
शिवपुराण (विद्येश्वर संहिता, अध्याय 25) में उल्लेख है कि 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाला व्यक्ति कलाग्नि रुद्र की कृपा प्राप्त करता है और उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इसे धारण करने वाला व्यक्ति दीर्घायु, स्वास्थ्य और शांति का अधिकारी बनता है।
श्लोक (शिवपुराण):
“पञ्चवक्त्रं महापुण्यं पापनाशनकारकम्।
धारयेद्यः सदा भक्त्या दीर्घमायुः सुखं लभेत्॥”
(भावार्थ: 5 मुखी रुद्राक्ष अत्यंत पुण्यदायी और पाप नाशक है। इसे श्रद्धा और भक्ति से धारण करने वाला व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और उसे दीर्घायु, सुख और शांति की प्राप्ति होती है।)
5 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के मुख्य लाभ
· पितृ दोष निवारण और बृहस्पति दोष शांति
ज्योतिषीय दृष्टि से यह रुद्राक्ष पितृ दोष से पीड़ित जातकों के लिए अत्यंत लाभकारी है। इसे धारण करने से पितरों की कृपा मिलती है और जीवन में अकारण रुकावटें कम होती हैं। साथ ही, जिनकी कुंडली में बृहस्पति ग्रह अशुभ फल दे रहा हो, उनके लिए भी यह रुद्राक्ष शांति और संतुलन लाता है।
· पापों और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति
5 मुखी रुद्राक्ष साधक के जीवन में संचित पापों और नकारात्मक ऊर्जा का नाश करता है। यह आत्मा को शुद्ध करता है और व्यक्ति को सही दिशा में आगे बढ़ने की शक्ति देता है।
· मानसिक शांति और स्थिरता
यह रुद्राक्ष मानसिक अस्थिरता, तनाव और चिंता को दूर करता है। इसे धारण करने वाला व्यक्ति भीतर से शांत और संतुलित महसूस करता है और जीवन की चुनौतियों का सामना सहजता से कर पाता है।
· स्वास्थ्य और दीर्घायु
शास्त्रों के अनुसार 5 मुखी रुद्राक्ष को “आयुरवर्धक” माना गया है। यह हृदय को मजबूत करता है, रक्तचाप को नियंत्रित करता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। नियमित धारण करने से आयु और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
· आध्यात्मिक उन्नति और साधना में सहायक
यह रुद्राक्ष साधना, ध्यान और जप में एकाग्रता बढ़ाता है। इसे धारण करने वाला साधक आध्यात्मिक मार्ग पर तेजी से प्रगति करता है और भीतर से ईश्वर से गहरा जुड़ाव अनुभव करता है।
· सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास
5 मुखी रुद्राक्ष साधक के भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। यह निराशा और नकारात्मक विचारों को दूर करता है और आत्मविश्वास तथा मानसिक स्पष्टता प्रदान करता है।
· धन और समृद्धि की प्राप्ति
इसे धारण करने से साधक के जीवन में स्थिरता आती है। व्यवसाय, नौकरी और वित्तीय जीवन में भी संतुलन और प्रगति होती है। शास्त्रों में वर्णित है कि यह रुद्राक्ष व्यक्ति को आर्थिक स्थायित्व प्रदान करता है।
· धर्म और सत्य के मार्ग पर दृढ़ता
यह रुद्राक्ष साधक को धर्म, सत्य और ईमानदारी की ओर अग्रसर करता है। इसे धारण करने वाला व्यक्ति धार्मिक आचरण में स्थिर रहता है और जीवन में पवित्रता एवं सदाचार बनाए रखता है।
5 मुखी रुद्राक्ष की धारण विधि
- सोमवार या गुरुवार को स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- रुद्राक्ष को गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करें।
- “ॐ ह्रीं नमः” या “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- रुद्राक्ष को गले या हृदय के पास धारण करें।
- प्रतिदिन कुछ समय जप और ध्यान करने से इसका प्रभाव और प्रबल होता है।
उत्पाद विवरण
- सामग्री: प्रामाणिक 5 मुखी रुद्राक्ष (नेपाल/जावा)
- आकार: प्राकृतिक
- साथ में: डोरी और प्रमाणपत्र
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5 मुखी रुद्राक्ष – वैदिक विधि द्वारा अभिमंत्रित
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