8 मुखी रुद्राक्ष – वैदिक विधि द्वारा अभिमंत्रित
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8 मुखी रुद्राक्ष भगवान गणपति (विघ्नहर्ता, विघ्न विनाशक) का स्वरूप माना जाता है। यह रुद्राक्ष जीवन से सभी प्रकार की बाधाएँ और रुकावटें दूर करता है तथा साधक को सफलता और उन्नति की राह पर आगे बढ़ाता है।
इसे धारण करने से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है, कार्यों में आ रही अड़चनें समाप्त होती हैं और जीवन में नए अवसर प्राप्त होते हैं। यह रुद्राक्ष साधक के लिए सुरक्षा कवच की तरह कार्य करता है और उसे भय, शंका और असफलता से मुक्ति दिलाता है।
ज्योतिषीय दृष्टि से 8 मुखी रुद्राक्ष विशेष रूप से मेष (Aries) और वृश्चिक (Scorpio) राशि वालों के लिए अत्यंत शुभ और लाभकारी माना गया है।
“8 मुखी रुद्राक्ष की महत्ता, धारण विधि और पूजा प्रक्रिया को विस्तार से समझने के लिए गुरुजी द्वारा प्रस्तुत विस्तृत वीडियो अवश्य देखें।”
8 मुखी रुद्राक्ष का धार्मिक और वैदिक महत्व
शिवपुराण (विद्येश्वर संहिता, अध्याय 25) में वर्णन है कि 8 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाला व्यक्ति गणपति की कृपा से सभी विघ्नों से मुक्त होता है। इसे धारण करने से साधक को सफलता, स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है।
शिवपुराण में श्लोक:
“अष्टमुखं विनायकस्य प्रियं विघ्ननिवारणम्।
धारयेद्यः सदा भक्त्या सर्वकार्येषु सिद्धिदम्॥”
(भावार्थ: 8 मुखी रुद्राक्ष भगवान गणेश को अत्यंत प्रिय है। इसे श्रद्धा और भक्ति से धारण करने वाला व्यक्ति सभी विघ्नों से मुक्त होकर अपने कार्यों में सफलता प्राप्त करता है।)
पद्मपुराण में कहा गया है कि 8 मुखी रुद्राक्ष आठों दिशाओं के देवताओं का आशीर्वाद प्रदान करता है। यह साधक को भय, रोग और शत्रुओं से रक्षा करता है और उसके कार्यों में सफलता सुनिश्चित करता है।
8 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के मुख्य लाभ
· विघ्न और बाधाओं से मुक्ति
अगर आपके जीवन में बार-बार काम अधूरे रह जाते हैं या हर कदम पर कोई ना कोई रुकावट आ जाती है, तो 8 मुखी रुद्राक्ष उन सभी विघ्नों को दूर करने में सहायक है। यह साधक को सहजता से आगे बढ़ने और अपने कार्यों को सफलता के साथ पूर्ण करने की शक्ति देता है।
· साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि
यह रुद्राक्ष साधक को भीतर से मजबूत और निडर बनाता है। भय, असुरक्षा और हिचक जैसी भावनाएँ धीरे-धीरे कम होने लगती हैं और आत्मविश्वास के साथ साहस भी बढ़ता है, जिससे व्यक्ति बड़े निर्णय लेने और चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनता है।
· नए अवसर और सफलता की प्राप्ति
8 मुखी रुद्राक्ष साधक के जीवन में नए अवसरों का मार्ग खोलता है। चाहे करियर हो, व्यवसाय या शिक्षा—यह हर क्षेत्र में प्रगति और सफलता लाने में सहायक है। इसे धारण करने से बाधाएँ कम होती हैं और अवसरों का सही समय पर लाभ उठाने की क्षमता मिलती है।
· स्वास्थ्य और ऊर्जा में सुधार
अगर बार-बार थकान, तनाव या बीमारियों से जूझना पड़ता है, तो यह रुद्राक्ष शरीर की ऊर्जा को संतुलित कर स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। यह प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है और साधक को अधिक सक्रिय, ताजगी से भरा और स्वस्थ बनाए रखता है।
· शत्रु और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा
यह रुद्राक्ष साधक के लिए सुरक्षा कवच की तरह कार्य करता है। यह शत्रुओं की योजनाओं, नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर से रक्षा करता है, जिससे जीवन में आत्मविश्वास और मानसिक शांति बनी रहती है।
· मानसिक संतुलन और स्थिरता
अगर मन बार-बार अस्थिर हो जाता है या बेचैनी घेर लेती है, तो 8 मुखी रुद्राक्ष साधक को भीतर से संतुलन और स्थिरता प्रदान करता है। यह सोच को सकारात्मक दिशा देता है और निर्णय लेने की क्षमता को मजबूत करता है।
· आध्यात्मिक उन्नति और बुद्धि की प्रखरता
भगवान गणेश की कृपा से यह रुद्राक्ष साधक की बुद्धि को प्रखर और विचारों को स्पष्ट करता है। यह ध्यान और साधना में एकाग्रता लाता है और आध्यात्मिक मार्ग पर साधक को आगे बढ़ाता है।
8 मुखी रुद्राक्ष की धारण विधि
- बुधवार या किसी शुभ दिन स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- रुद्राक्ष को गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करें।
- “ॐ गं गणपतये नमः” या “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- भगवान गणेश का ध्यान कर रुद्राक्ष को गले या हृदय के पास धारण करें।
उत्पाद विवरण
- सामग्री: प्रामाणिक 8 मुखी रुद्राक्ष (नेपाल)
- आकार: प्राकृतिक
- साथ में: डोरी और प्रमाणपत्र
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8 मुखी रुद्राक्ष – वैदिक विधि द्वारा अभिमंत्रित
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