दिव्य लक्ष्मी पोटली – वैदिक विधि द्वारा अभिमंत्रित | धन, समृद्धि और सौभाग्य आकर्षित करने का पवित्र उपाय
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दिव्य लक्ष्मी पोटली एक शक्तिशाली वैदिक धन-संवर्धन साधन है, जिसे महालक्ष्मी तंत्र में अत्यंत शुभ माना गया है।
यह पोटली विशेष रूप से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने, धन का प्रवाह बढ़ाने, और घर या व्यवसाय में निरंतर समृद्धि, स्थिरता और सौभाग्य बनाए रखने के लिए स्थापित की जाती है।
नर्मदेश्वर स्टोर की यह दिव्य लक्ष्मी पोटली आचार्य ज्योतिष डॉ. प्रभात जैन जी के निर्देशन में वैदिक मंत्रों द्वारा अभिमंत्रित की गई है, ताकि यह आपके जीवन में सक्रिय परिणाम दे सके।
“जहाँ लक्ष्मी पोटली स्थापित होती है, वहाँ दरिद्रता का वास नहीं रहता, और धन के नए मार्ग स्वतः खुलने लगते हैं।”
दिव्य लक्ष्मी पोटली का वैदिक और आध्यात्मिक महत्व
लक्ष्मी तंत्र, देवी भागवत पुराण और वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि महालक्ष्मी की कृपा केवल श्रद्धा और शुद्ध भाव से पूजन करने पर ही प्राप्त होती है।
दिव्य लक्ष्मी पोटली में मंत्र-सिद्ध श्रीयंत्र, कौड़ी, गोमती चक्र, हल्दी, चावल, सुपारी, चांदी का सिक्का और लक्ष्मी प्रतीक चिह्न सम्मिलित होते हैं — जो लक्ष्मी ऊर्जा को आकर्षित और स्थिर करते हैं।
इस पोटली को “धन चुंबक” भी कहा जाता है क्योंकि यह न केवल धन को आकर्षित करती है बल्कि धन की हानि या खर्च को भी नियंत्रित करती है।
दिव्य लक्ष्मी पोटली के प्रमुख लाभ
1. धन और आय में वृद्धि:
यह पोटली देवी लक्ष्मी की कृपा से धन आगमन के नए स्रोत खोलती है और आर्थिक स्थिरता प्रदान करती है।
2. तिजोरी या व्यापार स्थल में शुभता:
इसे तिजोरी, दुकान या ऑफिस की कैश काउंटर में रखने से सौभाग्य और ग्राहकों की वृद्धि होती है।
3. दरिद्रता और कर्ज मुक्ति:
यह पोटली जीवन से आर्थिक रुकावटों, कर्ज या हानि जैसी स्थितियों को दूर करती है।
महालक्ष्मी ऊर्जा आपकी जीवनशैली में संतुलन और स्थायित्व लाती है।
4. परिवार में समृद्धि और सौहार्द:
घर के मंदिर या पूजन स्थल पर रखने से घर में लक्ष्मी स्थायी रूप से निवास करती हैं, जिससे सुख-शांति बनी रहती है।
5. ग्रह दोष और वास्तु दोष से राहत:
यदि घर या व्यवसाय में बार-बार आर्थिक अस्थिरता, नुकसान या नकारात्मकता दिखे — तो यह पोटली उन प्रभावों को शांत करती है।
दिव्य लक्ष्मी पोटली की स्थापना विधि
• स्थापना का श्रेष्ठ दिन — शुक्रवार, अक्षय तृतीया या दीपावली की रात्रि।
• स्नान कर स्वच्छ लाल या पीले वस्त्र धारण करें।
• लक्ष्मी पोटली को गंगाजल या गुलाबजल से हल्का शुद्ध करें।
• इसे तिजोरी, कैश बॉक्स या पूजन स्थल में स्थापित करें।
• “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
• हर शुक्रवार दीपक जलाकर इसे प्रणाम करें।
उत्पाद विवरण (Product Details)
• सामग्री: अभिमंत्रित श्रीयंत्र, कौड़ी, गोमती चक्र, चांदी का सिक्का, हल्दी, सुपारी, अक्षत
• रंग: लाल (लक्ष्मी प्रतीक मुद्रित)
• अभिमंत्रण: वैदिक विधि द्वारा गुरुजी के निर्देशन में
• उपयुक्त स्थान: तिजोरी, कैश काउंटर, पूजन स्थल
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दिव्य लक्ष्मी पोटली – वैदिक विधि द्वारा अभिमंत्रित | धन, समृद्धि और सौभाग्य आकर्षित करने का पवित्र उपाय
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