लक्ष्मी पिरामिड – श्री यंत्र सहित वैदिक विधि द्वारा अभिमंत्रित | धन, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत
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लक्ष्मी पिरामिड एक अत्यंत शक्तिशाली वैदिक वास्तु यंत्र है, जो श्री यंत्र, रुद्राक्ष, गोमती चक्र, कौड़ी और लाल मणि जैसे दिव्य तत्वों से निर्मित होता है।
यह पिरामिड धन, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।
नर्मदेश्वर स्टोर का यह अभिमंत्रित लक्ष्मी पिरामिड वैदिक विधि से पूजित और ऊर्जावान किया गया है ताकि इसे जहाँ भी स्थापित किया जाए, वहाँ देवी महालक्ष्मी की कृपा और शुभ ऊर्जा स्थायी रूप से बनी रहे।
धार्मिक और वैदिक महत्व (Vedic & Spiritual Importance):
वास्तु शास्त्र और देवी भागवत पुराण के अनुसार, श्री यंत्र धन और सौभाग्य का परम प्रतीक है, वहीं पिरामिड आकृति ऊर्जा को केंद्रित और बढ़ाने का कार्य करती है।
लक्ष्मी पिरामिड इन दोनों शक्तियों का दिव्य समन्वय है — जिसमें ब्रह्मांडीय शक्ति को आकर्षित करने वाला श्री यंत्र और धन-सौभाग्य प्रदान करने वाली देवी लक्ष्मी की ऊर्जा सम्मिलित होती है।
माना जाता है कि जिस स्थान पर यह पिरामिड स्थापित होता है, वहाँ न केवल आर्थिक वृद्धि होती है बल्कि मानसिक शांति और पारिवारिक समृद्धि भी बढ़ती है।
“श्रीयंत्रं सर्वसिद्धिप्रदं सर्वदोषविनाशनम्।”
(भावार्थ: श्री यंत्र सभी सिद्धियाँ देने वाला और सभी दोषों को दूर करने वाला है।)
मुख्य लाभ (Main Benefits of Laxmi Pyramid):
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धन और समृद्धि में वृद्धि:
लक्ष्मी पिरामिड धन के स्थिर प्रवाह और आर्थिक उन्नति में मदद करता है। यह घर या व्यवसाय में धन आकर्षण की ऊर्जा को बढ़ाता है। -
सकारात्मक ऊर्जा का संचार:
पिरामिड का आकार और उसमें सम्मिलित श्री यंत्र नकारात्मकता को दूर कर स्थान को सकारात्मक ऊर्जा से भर देता है। -
लक्ष्मी कृपा और सौभाग्य:
यह पिरामिड देवी महालक्ष्मी की कृपा को आकर्षित करता है, जिससे साधक के जीवन में सौभाग्य और समृद्धि आती है। -
वास्तु दोषों का निवारण:
यदि किसी स्थान पर वास्तु दोष हो तो यह पिरामिड उसकी नकारात्मकता को संतुलित करता है और ऊर्जा प्रवाह को सही दिशा देता है। -
सफलता और उन्नति का प्रतीक:
व्यापार, करियर और जीवन के महत्वपूर्ण कार्यों में सफलता पाने के लिए यह अत्यंत शुभ माना गया है। -
आध्यात्मिक उन्नति:
यह साधक के भीतर ध्यान, एकाग्रता और आध्यात्मिक शांति को बढ़ाता है, जिससे जीवन में संतुलन और स्थिरता आती है।
स्थापना विधि (Method of Placement):
• शुक्रवार या पूर्णिमा के दिन स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
• पिरामिड को गंगाजल से शुद्ध करें।
• “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
• इसे तिजोरी, पूजा स्थल या ऑफिस की उत्तर दिशा में स्थापित करें।
• प्रतिदिन धूप-दीप दिखाकर श्रद्धा से नमस्कार करें।
उत्पाद विवरण (Product Details):
• सामग्री: लक्ष्मी पिरामिड
• आकार: लगभग 2.5 इंच
• घटक: रुद्राक्ष, गोमती चक्र, कौड़ी, लाल मणि
• अभिमंत्रण: वैदिक ब्राह्मणों द्वारा मंत्रोच्चारण से अभिमंत्रित
• उपयुक्त स्थान: घर, दुकान, ऑफिस, तिजोरी
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लक्ष्मी पिरामिड – श्री यंत्र सहित वैदिक विधि द्वारा अभिमंत्रित | धन, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत
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