1 मुखी रुद्राक्ष – वैदिक विधि द्वारा अभिमंत्रित
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दिव्य 1 मुखी रुद्राक्ष शिवतत्त्व का साक्षात प्रतीक है, जो साधक को आत्मज्ञान, मानसिक स्थिरता और आध्यात्मिक जागरण की ओर प्रेरित करता है। शास्त्रों के अनुसार, 1 मुखी रुद्राक्ष साक्षात भगवान शिव के 'निर्गुण ब्रह्म' स्वरूप का प्रतिनिधित्व करता है। यह अत्यंत दुर्लभ और प्रभावशाली रुद्राक्ष है, जिसे धारण करने से जीवन में समस्त बाधाएं दूर होती हैं और आत्मा शुद्ध होकर मोक्ष की दिशा में अग्रसर होती है।
1 मुखी रुद्राक्ष विशेष रूप से सिंह (Leo), मकर (Capricorn), और कुंभ (Aquarius) राशि वालों के लिए अत्यंत शुभ और उपयोगी माना गया है।
“1 मुखी रुद्राक्ष की महत्ता, धारण विधि और पूजा प्रक्रिया को विस्तार से समझने के लिए गुरुजी द्वारा प्रस्तुत विस्तृत वीडियो अवश्य देखें।”
1 मुखी रुद्राक्ष का धार्मिक और वैदिक महत्व
शिवपुराण, देवीभागवत पुराण, और पद्मपुराण जैसे प्रमुख हिंदू धर्मग्रंथों में 1 मुखी रुद्राक्ष की महिमा का अत्यंत पवित्र और विशद वर्णन मिलता है। इसे "सर्वरुद्रात्मक" कहा गया है — अर्थात् यह अकेला रुद्राक्ष समस्त रुद्र शक्तियों का प्रतीक है, जिसमें शिव के समस्त रूपों का वास माना गया है।
पद्मपुराण में उल्लेख है:
"एकमुखं रुद्रं देवं शुद्धं मुक्तिफलं परम्।
सर्वपापविनिर्मुक्तं सर्वदुःखविनाशनम्॥"
(भावार्थ: “एक मुख वाला रुद्राक्ष(1 मुखी रुद्राक्ष) स्वयं भगवान रुद्र (शिव) का स्वरूप है। यह परम शुद्ध, मोक्ष प्रदान करने वाला, समस्त पापों से मुक्त करने वाला और जीवन के समस्त दुखों का नाश करने वाला है।”)
1 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के मुख्य लाभ
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आत्मज्ञान और साधना में प्रगति:
अगर आपको ध्यान करने में मन नहीं लगता और आप भीतर से अशांति महसूस कर रहे हैं — तो 1 मुखी रुद्राक्ष एक मार्गदर्शक की तरह कार्य करता है। यह मन की चंचलता को शांत करता है और साधना को गहराई देता है, जिससे धीरे-धीरे भीतर से चेतना जाग्रत होती है। -
नकारात्मक शक्तियों से रक्षा:
कभी-कभी हमें लगता है कि सब कुछ सही है, फिर भी मन बेचैन रहता है या अचानक नेगेटिव चीज़ें होने लगती हैं — जैसे बिना कारण उलझन, डर, या किसी की नज़र लग जाना। ऐसे समय में ये रुद्राक्ष तंत्र-मंत्र, बुरी नज़र, और नकारात्मक ऊर्जा बाधाओं से आपकी रक्षा करता है आप खुद को ज्यादा सुरक्षित और हल्का महसूस करते हैं। -
मानसिक शांति और संतुलन:
अगर आप तनाव, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन या बेचैनी से जूझ रहे हैं, तो यह 1 मुखी रुद्राक्ष मानसिक स्थिरता और गहरी शांति देने में बेहद मददगार है। यह आपके भीतर की हलचल को शांत करता है और सोच को स्पष्ट बनाता है। -
आत्मबल और आत्मविश्वास में वृद्धि:
जिन लोगों में आत्मविश्वास की कमी होती है या जो जीवन के फैसलों में उलझन में रहते हैं, उनके लिए 1 मुखी रुद्राक्ष जैसे सूर्य की तरह प्रकाश फैलाता है। यह निर्णय क्षमता बढ़ाता है और नेतृत्व गुणों को उभारता है। -
धन-संपन्नता और भाग्य वृद्धि:
1 मुखी रुद्राक्ष केवल आध्यात्मिक लाभ तक सीमित नहीं रहता — यह जीवन में स्थिरता और समृद्धि लाने में भी सहायक होता है। जो लोग व्यापार में निरंतर संघर्ष कर रहे हों या आर्थिक अस्थिरता से गुजर रहे हों, उनके लिए यह रुद्राक्ष संतुलन और स्थायित्व लाने में मदद करता है। -
पितृ दोष, सूर्य दोष और शनि दोष से मुक्ति:
जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर हो या शनि बाधाएं दे रहे हों — खासकर मकर और कुंभ राशि के जातकों के लिए — 1 मुखी रुद्राक्ष उन दोषों को शांत करने का एक सशक्त माध्यम माना गया है। -
ह्रदय और मानसिक स्वास्थ्य में सहायक:
1 मुखी रुद्राक्ष केवल आध्यात्मिक नहीं, बल्कि शरीर पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है। यह तनाव और ब्लड प्रेशर जैसी स्थितियों में राहत देता है, खासकर उन लोगों के लिए जो मानसिक दबाव या ह्रदय से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहे हों। -
जीवन में स्थायित्व और उद्देश्य की प्राप्ति:
कई लोग जीवन में भटक जाते हैं, दिशा नहीं मिलती। 1 मुखी रुद्राक्ष उन्हें अपने लक्ष्य की ओर केंद्रित करता है, सोच को स्पष्ट करता है और आत्मविकास की दिशा में प्रेरित करता है।
1 मुखी रुद्राक्ष की धारण विधि
- सोमवार या किसी शुभ मुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- शांत चित्त से "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का 108 बार जाप करें।
- रुद्राक्ष को गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध कर, अपने दाहिने हाथ में लेकर शिवजी का ध्यान करें।
- इसे ह्रदय के समीप धारण करें।
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