11 मुखी रुद्राक्ष – वैदिक विधि द्वारा अभिमंत्रित
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अद्भुत 11 मुखी रुद्राक्ष भगवान हनुमान के दिव्य स्वरूप का प्रतीक है, जो साधक को असीम साहस, आत्मविश्वास, ऊर्जा और विजय प्रदान करता है।
शास्त्रों के अनुसार, यह रुद्राक्ष एकादश रुद्र रूप हनुमान जी की शक्ति से युक्त होता है। इसे धारण करने वाला व्यक्ति भय, असुरक्षा, रोग, और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त होकर आत्मबल से ओत-प्रोत हो जाता है।
11 मुखी रुद्राक्ष विशेष रूप से मेष (Aries), सिंह (Leo) और धनु (Sagittarius) राशि वालों के लिए अत्यंत शुभ और प्रभावशाली माना गया है।
यह रुद्राक्ष कर्म, पराक्रम और साधना में सफलता का प्रतीक है और साधक को हर क्षेत्र में विजयश्री प्रदान करता है।
“11 मुखी रुद्राक्ष की महत्ता, धारण विधि और पूजा प्रक्रिया को विस्तार से समझने के लिए गुरुजी द्वारा प्रस्तुत विस्तृत वीडियो अवश्य देखें।”
11 मुखी रुद्राक्ष का धार्मिक और वैदिक महत्व
शिवपुराण (विद्येश्वर संहिता, अध्याय 25) और देवीभागवत पुराण दोनों में 11 मुखी रुद्राक्ष को अत्यंत शक्तिशाली और कल्याणकारी बताया गया है।
इस रुद्राक्ष में भगवान हनुमान की उपस्थिति मानी गई है — जो भय, रोग और शत्रु से रक्षा करते हैं।
शिवपुराण में उल्लेख है:
“एकादशमुखं रुद्रं हनुमद्रूपमुत्तमम्।
धारयेद्यः सदा भक्त्या सर्वविघ्नविनाशनम्॥”
(भावार्थ: 11 मुखी रुद्राक्ष भगवान हनुमान का स्वरूप है। जो व्यक्ति इसे भक्ति और श्रद्धा से धारण करता है, उसके सभी विघ्न, भय और बाधाएं नष्ट हो जाती हैं।)
देवीभागवत पुराण में इसे "पाप-विनाशक" और "अभय प्रदायक" कहा गया है — अर्थात् यह रुद्राक्ष साधक को न केवल पापों से मुक्त करता है बल्कि भय और असुरक्षा से भी रक्षा करता है।
11 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के मुख्य लाभ
1. भय और असुरक्षा से मुक्ति:
जो लोग भय, आत्मविश्वास की कमी या नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित रहते हैं, उनके लिए यह रुद्राक्ष अत्यंत लाभकारी है।
यह मन को स्थिर करता है और साधक के भीतर साहस और निडरता की भावना जगाता है।
2. आत्मबल और शक्ति में वृद्धि:
11 मुखी रुद्राक्ष साधक के भीतर हनुमान जी की ऊर्जा का संचार करता है।
यह थकान, आलस्य और अस्थिरता को दूर करता है तथा शरीर और मन में नई शक्ति और जोश भरता है।
3. शत्रु और तंत्र-मंत्र से रक्षा:
अगर कोई व्यक्ति शत्रु बाधा, नकारात्मक शक्तियों या तंत्र-मंत्र के प्रभाव से परेशान है, तो यह रुद्राक्ष सुरक्षा कवच की तरह कार्य करता है।
यह सभी प्रकार के बुरे प्रभावों को समाप्त कर सुरक्षा और आत्मविश्वास प्रदान करता है।
4. कार्यक्षेत्र में सफलता और विजय:
जो लोग लगातार संघर्षों या रुकावटों का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह रुद्राक्ष “विजय तिलक” की तरह कार्य करता है।
यह परिश्रम को सफलता में परिवर्तित करता है और व्यक्ति को अपने कर्मों में स्थिरता प्रदान करता है।
5. ध्यान और साधना में एकाग्रता:
हनुमान जी की कृपा से यह रुद्राक्ष मन को स्थिर करता है और साधना में एकाग्रता बढ़ाता है।
यह ध्यान करने वालों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है क्योंकि यह मानसिक विचलन को दूर करता है।
6. रोगों से सुरक्षा और स्वास्थ्य लाभ:
यह रुद्राक्ष शरीर में ऊर्जा प्रवाह को संतुलित करता है और इम्यूनिटी को बढ़ाता है।
साथ ही यह थकान, उच्च रक्तचाप और मानसिक तनाव को कम करने में सहायक माना गया है।
7. ग्रह दोष और बाधाओं से मुक्ति:
11 मुखी रुद्राक्ष राहु और केतु दोषों को शांत करता है।
यह ग्रहों के अशुभ प्रभावों को कम करता है और जीवन में स्थिरता तथा सफलता लाता है।
8. आत्मिक जागरण और आध्यात्मिक उन्नति:
जो व्यक्ति आध्यात्मिक यात्रा पर अग्रसर हैं, उनके लिए यह रुद्राक्ष दिव्य वरदान के समान है।
यह मन और आत्मा को एकाग्र करता है तथा साधक को ईश्वर से गहरे स्तर पर जोड़ता है।
9. नेतृत्व क्षमता और निर्णय शक्ति:
यह रुद्राक्ष व्यक्ति के आत्मविश्वास को बढ़ाकर उसमें नेतृत्व क्षमता का विकास करता है।
यह उसे साहसिक निर्णय लेने में समर्थ बनाता है और भीड़ में विशिष्ट बनाता है।
11 मुखी रुद्राक्ष की धारण विधि
• मंगलवार या शनिवार के दिन स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
• रुद्राक्ष को गंगाजल और कच्चे दूध से शुद्ध करें।
• “ॐ हं हनुमते नमः” या “ॐ रुद्राय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें।
• शिव या हनुमान जी का ध्यान करें और रुद्राक्ष को गले या बांह में धारण करें।
• इसे सदैव पवित्र भाव और श्रद्धा से धारण करें।
उत्पाद विवरण (Product Details)
• सामग्री: प्रामाणिक 11 मुखी रुद्राक्ष (नेपाली)
• आकार: प्राकृतिक
• अभिमंत्रण: वैदिक विधि द्वारा गुरुजी के निर्देशन में
• साथ में: डोरी और प्रमाणपत्र
• राशि: मेष, सिंह, धनु
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11 मुखी रुद्राक्ष – वैदिक विधि द्वारा अभिमंत्रित
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