14 मुखी रुद्राक्ष – वैदिक विधि द्वारा अभिमंत्रित
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दिव्य 14 मुखी रुद्राक्ष को शास्त्रों में देवताओं के गुरु बृहस्पति और भगवान शिव के संयुक्त तत्त्व का प्रतीक माना गया है। इसे “देवमणि रुद्राक्ष” भी कहा जाता है, जो साधक को विवेक, मार्गदर्शन और सही निर्णय लेने की शक्ति प्रदान करता है। शास्त्रीय मान्यता के अनुसार, 14 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाला व्यक्ति भ्रम, भय और असमंजस से बाहर निकलकर अपने जीवन की दिशा को स्पष्ट रूप से पहचानने लगता है।
यह रुद्राक्ष उन लोगों के लिए अत्यंत उपयोगी माना गया है जो जीवन में बार-बार गलत निर्णयों, धोखे या अचानक आने वाली समस्याओं से परेशान रहते हैं। 14 मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति को भीतर से जागरूक बनाकर उसे सही–गलत का विवेक प्रदान करता है।
14 मुखी रुद्राक्ष विशेष रूप से मिथुन (Gemini), कन्या (Virgo), धनु (Sagittarius) और मीन (Pisces) राशि वालों के लिए अत्यंत शुभ और उपयोगी माना गया है। जिन जातकों की कुंडली में बृहस्पति कमजोर हो या मार्गदर्शन की कमी महसूस होती हो, उनके लिए यह रुद्राक्ष विशेष सहायक माना जाता है।
“14 मुखी रुद्राक्ष की महत्ता, धारण विधि और पूजा प्रक्रिया को विस्तार से समझने के लिए गुरुजी द्वारा प्रस्तुत विस्तृत वीडियो अवश्य देखें।”
14 मुखी रुद्राक्ष का धार्मिक और वैदिक महत्व
शिवपुराण, स्कंदपुराण तथा प्राचीन रुद्राक्ष ग्रंथों में 14 मुखी रुद्राक्ष को ज्ञान, विवेक और दिव्य मार्गदर्शन प्रदान करने वाला रुद्राक्ष बताया गया है। वैदिक दृष्टि में बृहस्पति ग्रह को गुरु, ज्ञान, नीति और धर्म का कारक माना गया है, और 14 मुखी रुद्राक्ष इसी गुरु तत्त्व को संतुलित और सशक्त करने में सहायक माना जाता है।
शास्त्रीय भावार्थ में यह कहा गया है कि 14 मुखी रुद्राक्ष व्यक्ति को समय रहते सही निर्णय लेने की प्रेरणा देता है और उसे गलत मार्ग से बचाकर धर्म, नीति और सत्य के पथ पर स्थिर करता है। इसी कारण इसे साधकों, गुरुओं और मार्गदर्शकों द्वारा विशेष रूप से धारण किया जाता रहा है।
14 मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के मुख्य लाभ
1. विवेक और निर्णय क्षमता में वृद्धि:
यदि व्यक्ति जीवन के महत्वपूर्ण निर्णयों में बार-बार भ्रमित हो जाता है या गलत फैसलों का पछतावा करता है, तो 14 मुखी रुद्राक्ष उसे स्पष्ट सोच और विवेक प्रदान करता है।
2. गलत मार्ग और धोखे से सुरक्षा:
यह रुद्राक्ष व्यक्ति को छल, धोखा और गलत संगति से बचाने में सहायक माना जाता है, जिससे जीवन में स्थिरता बनी रहती है।
3. गुरु कृपा और मार्गदर्शन की प्राप्ति:
जिन लोगों को सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता या जीवन में गुरु का अभाव महसूस होता है, उनके लिए यह रुद्राक्ष बृहस्पति तत्त्व को सक्रिय करता है।
4. मानसिक स्थिरता और भय से मुक्ति:
यह रुद्राक्ष अनावश्यक भय, असुरक्षा और भविष्य को लेकर होने वाली चिंता को शांत करता है।
5. करियर और शिक्षा में स्पष्टता:
विद्यार्थियों, शिक्षकों, सलाहकारों और प्रोफेशनल्स के लिए यह रुद्राक्ष विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है, क्योंकि यह सोच को केंद्रित और संतुलित करता है।
6. आध्यात्मिक प्रगति और आत्मविकास:
14 मुखी रुद्राक्ष साधक को आत्मनिरीक्षण की ओर प्रेरित करता है और आध्यात्मिक यात्रा में सही दिशा प्रदान करता है।
14 मुखी रुद्राक्ष की धारण विधि
- गुरुवार या किसी शुभ मुहूर्त में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- शांत चित्त से “ॐ बृहस्पतये नमः” या “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें।
- रुद्राक्ष को गंगाजल से शुद्ध कर, दाहिने हाथ में लेकर भगवान शिव और गुरु तत्त्व का ध्यान करें।
- इसे गले में या दाहिने हाथ में धारण करें।
उत्पाद विवरण
- सामग्री: प्रामाणिक 14 मुखी रुद्राक्ष
- आकार: प्राकृतिक
- साथ में: धारण डोरी, प्रमाणपत्र
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14 मुखी रुद्राक्ष – वैदिक विधि द्वारा अभिमंत्रित
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